संरक्षणानंद
From जैनकोष
रौद्रध्यान के चार भेदों में चौथा भेद । वे चार ध्यान है― हिंसानन्द, मृषानन्द, स्तेयानन्द और संरक्षणानन्द । इनमें धन के उपार्जन करने आदि का चिन्तन करना संरक्षणानन्द रौद्रध्यान है । महापुराण 21.42-43, 51
रौद्रध्यान के चार भेदों में चौथा भेद । वे चार ध्यान है― हिंसानन्द, मृषानन्द, स्तेयानन्द और संरक्षणानन्द । इनमें धन के उपार्जन करने आदि का चिन्तन करना संरक्षणानन्द रौद्रध्यान है । महापुराण 21.42-43, 51