इंद्रच्छंद
From जैनकोष
एक दैदीप्यमान हार । इसमें एक हजार आठ लड़ियाँ होती है । इन्द्र, चक्रवर्ती और जिनेन्द्र इसे धारण करते हैं । महापुराण 15.15, 16.56
एक दैदीप्यमान हार । इसमें एक हजार आठ लड़ियाँ होती है । इन्द्र, चक्रवर्ती और जिनेन्द्र इसे धारण करते हैं । महापुराण 15.15, 16.56