एकांतमिथ्यात्व
From जैनकोष
मिथ्यात्व के पाँच भेदों में एक भेद । द्रव्य और पर्याय रूप पदार्थ में या मोक्ष के साधनभूत अंगों में किसी एक या दो अंगों को जानकर यह समझ लेना कि इतना मात्र ही उसका स्वरूप है इससे अधिक कुछ नहीं यही एकान्त मिथ्यात्व है । महापुराण 62. 296-300