चमकदशमी व्रत
From जैनकोष
चमक दशमि और चमकाय। जो भोजन नहि तो अंतराय। (यह व्रत श्वेतांबर व स्थानकवासी आम्नाय में प्रचलित है। (व्रत विधान संग्रह/पृ.130) (नवलसाह कृत वर्द्धमान पुराण)।
चमक दशमि और चमकाय। जो भोजन नहि तो अंतराय। (यह व्रत श्वेतांबर व स्थानकवासी आम्नाय में प्रचलित है। (व्रत विधान संग्रह/पृ.130) (नवलसाह कृत वर्द्धमान पुराण)।