जिनदत्त
From जैनकोष
(1) जंबूद्वीप के मंगलादेश में भद्रिलपुर नगर के धनदत्त सेठ और नंदयशा सेठानी का सातवां पुत्र । धनपाल, देवपाल, जिनदेव, जिनपाल, अर्हद्दत्त, अर्हद्दास प्रियमित्र और धर्मरुचि इसके भाई थे । प्रियदर्शना और ज्येष्ठा इसकी बहिनें थीं । इसने अपने पिता और भाइयों के साथ दीक्षा ले ली थी । इसकी मां और बहिनें भी सुदर्शना आर्यिका के पास दीक्षित हो गयी थीं । संन्यास-मरण करके ये सब आनत-स्वर्ग के शातंकर-विमान में देव हुए । महापुराण 70. 182-196, हरिवंशपुराण 18.112-124
(2) गोवर्द्धन ग्राम का एक गृहस्थ । श्रावकाचार का पालन करते हुए संन्यास-मरण करके इसने देवगति प्राप्त की थी । पद्मपुराण 20. 137, 141-143
(3) अंग देश की चंपा नगरी के निवासी धनदत्त सेठ और सेठानी अशोकदत्ता का छोटा पुत्र । जिनदेव इसका बड़ा भाई था । बंधुजनों की प्रेरणा से इसे दुर्गंधा सुकुमारी के साथ विवाह करना पड़ा । विवाह हो जाने पर भी वह उसके पास कभी नहीं गयी । महापुराण 72. 227,241-248
(4) राजपुर नगर के सेठ वृषभदत्त और सेठानी पद्मावती का पुत्र । मित्र गरुडवेग के निवेदन पर इसने अपने मित्र की पुत्री गंधर्वदत्ता का अपने नगर में स्वयंवर कराया था । इसमें जीवंधर कुमार ने वीणा बजाकर गंधर्वदत्ता को पराजित किया था । हारने पर गन्वर्वदत्ता ने जीवंधर कुमार के साथ विवाह किया था । महापुराण 75. 314-336