प्रवर्तक साधु
From जैनकोष
भगवती आराधना/ मूलाराधना/629/831/4 पवत्ती अल्पश्रुतः सन्सर्वसंघमर्यादाचरितज्ञः प्रवर्तक । = जो ज्ञान से अल्प हैं, परंतु सर्व संघकी मर्यादा योग्यरहेगी, ऐसे आचरण का जिसको ज्ञान है उसको प्रवर्तक साधु कहते हैं ।
भगवती आराधना/ मूलाराधना/629/831/4 पवत्ती अल्पश्रुतः सन्सर्वसंघमर्यादाचरितज्ञः प्रवर्तक । = जो ज्ञान से अल्प हैं, परंतु सर्व संघकी मर्यादा योग्यरहेगी, ऐसे आचरण का जिसको ज्ञान है उसको प्रवर्तक साधु कहते हैं ।