इंद्रपथ
From जैनकोष
पाण्डवपुराण सर्ग संख्या १६ श्लोक “प्रवाससे लौटनेपर युधिष्ठिर इन्द्रपथ नगर बसाकर रहने लगे थे (४) क्योंकि यह कुरुक्षेत्रके पास है इसलिए वर्तमान देवली ही इन्द्रपथ है। यह सर्व प्रसिद्ध भी है।
पाण्डवपुराण सर्ग संख्या १६ श्लोक “प्रवाससे लौटनेपर युधिष्ठिर इन्द्रपथ नगर बसाकर रहने लगे थे (४) क्योंकि यह कुरुक्षेत्रके पास है इसलिए वर्तमान देवली ही इन्द्रपथ है। यह सर्व प्रसिद्ध भी है।