बंध-स्थान
From जैनकोष
समयसार / आत्मख्याति 53-55 यानि प्रतिविशिष्टप्रकृतिपरिणाम-लक्षणानि बंधस्थानानि ... । = भिन्न-भिन्न प्रकृतियों के परिणाम जिनका लक्षण है ऐसे जो बंध स्थान .... ।
समयसार / आत्मख्याति 53-55 यानि प्रतिविशिष्टप्रकृतिपरिणाम-लक्षणानि बंधस्थानानि ... । = भिन्न-भिन्न प्रकृतियों के परिणाम जिनका लक्षण है ऐसे जो बंध स्थान .... ।