(वरांग चरित्र/सर्ग/श्लोक) मथुराका राजा (१६/५) ललितपुरके राजासे युद्ध होनेपर वरांग द्वारा युद्धमें भगाया गाय (१८/१११);
(पद्मपुराण / प्रस्तावना १२३/१६७ `मूल'), (पद्मपुराण / प्रस्तावना ९ पं. पन्नालाल) सेनसंघकी गुर्वावलीके अनुसार यह दिवाकरसेनके गुरु थे। समय वि.६२०-६६० (ई.५६३-६०३) देखे इतिहास ७/६।