मिथ्यादर्शन
From जैनकोष
संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यंच और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 देखें मिथ्यात्व
संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यंच और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 देखें मिथ्यात्व