रंगतेज
From जैनकोष
सुजन देश के नगरशोभ नगर का नट । मदनलता इसकी स्त्री थी । इस नगर के राजा दृढ़मित्र ने भाई सुमित्र की पुत्री श्रीचंद्रा के वर की खोज करने के लिए श्रीचंद्रा के पूर्वभव का वृतांत एक पटिये पर अंकित कराकर इसे दिया था । इसने हेमाभनगर में नृत्य का आयोजन किया । नृत्य देखने नंदाढ्य और जीवंधर दोनों गये थे । नंदाढ्य वहाँ पूर्वभव का स्मरण कर मूर्च्छित हुआ । जीवंधर ने उससे उसकी मूर्च्छा का कारण जाना और अंत में श्रीचंद्रा का उससे विवाह करा दिया । महापुराण 75.438-439, 467-521