विद्यानुवान
From जैनकोष
चौदहपूर्वों में दसवां पूर्व । इसका अपर नाम विद्यानुवाद है । इसमें एक करोड़ दस लाख पद है । इन पदों में अंगुष्ठ, प्रसेन आदि सात सौ लघु विद्याएं और रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.113-114
चौदहपूर्वों में दसवां पूर्व । इसका अपर नाम विद्यानुवाद है । इसमें एक करोड़ दस लाख पद है । इन पदों में अंगुष्ठ, प्रसेन आदि सात सौ लघु विद्याएं और रोहिणी आदि पांच सौ महाविद्याओं का वर्णन है । हरिवंशपुराण 2.99, 10.113-114