विद्युन्माली
From जैनकोष
(1) राजा जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.35
(2) ब्रह्महृदय विमान में उत्पन्न ब्रह्म स्वर्ग का इंद्र । इसकी चार रानियाँ थीं― प्रियदर्शना, सुदर्शना, विद्युद्वेगागा और प्रभावेगा । यह केवली जंबूस्वामी का जीव था । महापुराण 76.32-38