शशांकपाद
From जैनकोष
भरतक्षेत्र का एक राजा । शरीर से निस्पृह रहते हुए इसने भरत के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । आयु के अंत में यह परमपद को प्राप्त हुआ । पद्मपुराण 88.1-9
भरतक्षेत्र का एक राजा । शरीर से निस्पृह रहते हुए इसने भरत के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । आयु के अंत में यह परमपद को प्राप्त हुआ । पद्मपुराण 88.1-9