शीलायुध
From जैनकोष
(1) राजा वसुदेव तथा रानी प्रियंगुसुंदरी का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.62
(2) श्रावस्ती का राजा । तापसी चारुमती की कन्या ऋषिदत्ता इसकी रानी थी । उसका प्रसूति के बाद स्वर्गवास हो गया था । ऋषिदत्ता से उत्पन्न इसके पुत्र का नाम एणीपुत्र था । इस पुत्र को राज्य देकर यह मुनि धर्म का पालन करते हुए मरा और मरकर स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । हरिवंशपुराण 29.53, 25-57