शुक्र
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
- औदारिक शरीर में शुक्रधातु का निर्देश-देखें औदारिक - 1.7;
- एक ग्रह-देखें ग्रह ;
- शुक्र ग्रह का लोक में अवस्थान-देखें ज्योतिषलोक ;
- कल्पवासीयों का एक भेद-देखें स्वर्ग - 3;
- कल्प स्वर्गों का नवमां कल्प-देखें स्वर्ग - 5.2;
- शुक्र स्वर्ग का प्रथम पटल व इंद्रक-देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
(1) ऊर्ध्वलोक में स्थित नौवां कल्प-स्वर्ग । इसमें बीस हजार बीस विमान है । पद्मपुराण 105.166-168, हरिवंशपुराण 6.37, 59
(2) महाशुक्र स्वर्ग का इंद्रक विमान । हरिवंशपुराण 6.50
(3) रावण का सामंत । पद्मपुराण 57.45-48, 73.10-12