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From जैनकोष
१. साधु चर्या के १० कल्पों के निर्देश
- दे०साधु/२।
- इन दसों कल्पों के लक्षण–दे० वह वह नाम।
- जिनकल्प–दे० जिन कल्प।
- महाकल्प–श्रुतज्ञान का ११ वाँ अंगबाह्य है–दे० श्रुतज्ञान/III।
- स्वर्ग विभाग–दे० स्वर्ग १/२।
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१. साधु चर्या के १० कल्पों के निर्देश
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