विषंग
From जैनकोष
स्वयंभू स्तोत्र/ टी./66/172 ममेदं सर्वं त्र्यादिकं इति संबंधो विषंगः। = स्त्री आदि सब मेरे हैं, इस प्रकार का संबंध विषंग कहलाता है।
स्वयंभू स्तोत्र/ टी./66/172 ममेदं सर्वं त्र्यादिकं इति संबंधो विषंगः। = स्त्री आदि सब मेरे हैं, इस प्रकार का संबंध विषंग कहलाता है।