अभ्यनुज्ञातग्रहण
From जैनकोष
अस्तेय महाव्रत की पाँच भावनाओं में तीसरी भावनाश्रावक के प्रार्थना करने पर आहार ग्रहण करना । महापुराण 20. 163 देखें अस्तेय
अस्तेय महाव्रत की पाँच भावनाओं में तीसरी भावनाश्रावक के प्रार्थना करने पर आहार ग्रहण करना । महापुराण 20. 163 देखें अस्तेय