चतुर्भुज
From जैनकोष
यह जयपुर निवासी थे। वैरागी के नाम से प्रसिद्ध थे। प्राय: लाहौर जाते थे, तब वहा̐ कवि खरगसेन से मिला करते थे। समय–वि.१६८५ (ई.१६२८) में लाहौर गये थे। (हि.जैन.साहित्य इतिहास/पृ.१५५/कामता प्रसाद)।
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यह जयपुर निवासी थे। वैरागी के नाम से प्रसिद्ध थे। प्राय: लाहौर जाते थे, तब वहा̐ कवि खरगसेन से मिला करते थे। समय–वि.१६८५ (ई.१६२८) में लाहौर गये थे। (हि.जैन.साहित्य इतिहास/पृ.१५५/कामता प्रसाद)।
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