आत्मद्यात
From जैनकोष
ऐसे मरण से जीव चिरकाल तक कच्चे गर्भ में दु:ख प्राप्त करते हैं और वे गर्भ पूर्ण हुए बिना ही मर जाते हैं । पद्मपुराण 12. 47-48
ऐसे मरण से जीव चिरकाल तक कच्चे गर्भ में दु:ख प्राप्त करते हैं और वे गर्भ पूर्ण हुए बिना ही मर जाते हैं । पद्मपुराण 12. 47-48