आहिताग्नि
From जैनकोष
गार्हपत्य, आहवनीय और दक्षिणाग्नि इन तीन अग्नियों में मंत्रों के साथ नित्य पूजा करने वाले अग्निहोत्री । महापुराण 40.85
गार्हपत्य, आहवनीय और दक्षिणाग्नि इन तीन अग्नियों में मंत्रों के साथ नित्य पूजा करने वाले अग्निहोत्री । महापुराण 40.85