उत्तरगुण
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 116/277/8 प्रगृहीतसंयमस्य सामायिकादिकं अनशनादिकं च वर्तते इति उत्तरगुणत्वं सामायिकादेस्तपसश्च।
= जिसने संयम धारण किया है, उसको सामायिकादिक, और अनशनादिक भी रहते हैं। अतः सामायिकादिकों और तपको उत्तरगुणपना है।
• साधु व श्रावकके उत्तरगुण - देखें साधु - 2 तथा श्रावक 5।
पुराणकोष से
मुनियों के चौरासी लाख गुण । महापुराण 36.135