कुंती
From जैनकोष
पा.पु./सर्ग/श्लोक—राजा अन्धकवृष्णि की पुत्री तथा वसुदेव की बहन थी (७/१३२−१३८) कन्यावस्था में पाण्डु से ‘कर्ण’ नामक पुत्र उत्पन्न किया (७/२६३) पाण्डु से विवाह के पश्चात् युधिष्ठिर, भीम व अर्जुन पुत्रों को जन्म दिया (८/३४−१४३) अन्त में दीक्षा धारणकर सोलहवें स्वर्ग में देवपद प्राप्त किया (२५/१५,१४१)।
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