चित्रकर्म
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें निक्षेप - 4।
पुराणकोष से
चित्रकला । इसके हो प्रकार थे । रेखाचित्र और वर्णचित्र । इसमें तीनों आयाम-लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई दिखाये जाते थे । श्रीमती का चित्र इसी प्रकार का था । इसमें हाव, भाव का प्रदर्शन भी बड़ा हृदयहारी था । महापुराण 7.108-120