क्षेम
From जैनकोष
ध.१३/५,५,६३/८ मारीदि-डमरादीणमभावो खेमं णाम तव्विवरीदमक्खेमं। =मारी, ईति व राष्ट्रविप्लव आदि के अभाव का नाम क्षेम है। तथा उससे विपरीत अक्षेम है। (भ.आ./वि.१५९/३७२/५)।
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ध.१३/५,५,६३/८ मारीदि-डमरादीणमभावो खेमं णाम तव्विवरीदमक्खेमं। =मारी, ईति व राष्ट्रविप्लव आदि के अभाव का नाम क्षेम है। तथा उससे विपरीत अक्षेम है। (भ.आ./वि.१५९/३७२/५)।
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