नास्थशाला
From जैनकोष
देवांगनाओं के नृत्य करने का स्थान । समवसरण में दो नाट्यशालाओं की रचना होती हैं ये तीन-तीन खंड की होती है । महापुराण 22.148-155
देवांगनाओं के नृत्य करने का स्थान । समवसरण में दो नाट्यशालाओं की रचना होती हैं ये तीन-तीन खंड की होती है । महापुराण 22.148-155