त्वचा
From जैनकोष
१. त्वचा व नोत्वचा का लक्षण
ध./१३/५,३,२०/१९/८ तयो णाम रूक्खाणं गच्छाणं कंधाणं वा वक्कलं। तस्सुवरि पप्पदकलाओ णोतयं। सूरणल्लयपलंडुहलिद्दादीणं वा बज्झ पप्पदकलाओ णोतयं णाम। =वृक्ष, गच्छ या स्कन्धों की छाल को त्वचा कहते हैं और उसके ऊपर जो पपड़ी का समूह होता है उसे नोत्वचा कहते हैं। अथवा सूरण, अदरक, प्याज और हल्दी आदि की जो बाह्य पपड़ी समूह हैं उसे नोत्वचा कहते हैं।
* औदारिक शरीर में त्वचाओं का प्रमाण– देखें - औदारिक / १ / ७
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