मृत्यु
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें मरण ।
पुराणकोष से
(1) रावण का सामंत । यह व्याघ्ररथ पर आरूढ़ होकर रावण की ओर से युद्ध करने घर से निकला था । पद्मपुराण 57. 49
(2) जीवों के प्राणों का विसर्जन । जीव को अपने मरण का पूर्व बोध नहीं हो पाता, पलभर में वह निष्प्राण हो जाता है । पद्मपुराण 115.55
(3) हरिविक्रम भीलराज का सेवक । महापुराण 75. 478-481