विद्याकर्म
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
देखें सावद्य - 3।
पुराणकोष से
प्रजा की आजीविका के लिए वृषभदेव द्वारा उपदेशित छ: कर्मों में चौथा कर्म । शास्त्र लिखकर, रचकर अथवा अध्ययन-अध्यापन के द्वारा आजीविका प्राप्त करना विद्या-कर्म है । महापुराण 16. 179 ?-181, हरिवंशपुराण 9.35