विश्वक्सेन
From जैनकोष
विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में जंबुपुर नगर के राजा जांबव-विद्याधर और रानी-शिवचंद्रा का पुत्र । जांबवती इसकी बहिन थी जिसका कृष्ण के द्वारा हरण किये जाने पर इसके पिता ने अनावृष्टि-योद्धा का सामना किया । युद्ध में पकड़े जाने पर उत्पन्न वैराग्य वश वह इसको कृष्ण के अधीन कर तप के लिए वन चला गया था । कृष्ण सम्मान पूर्वक इसे द्वारिका लाये थे । हरिवंशपुराण 44.4-16