सानुकंप
From जैनकोष
यक्ष का छोटा भाई यक्षिल । निर्दय होने से यक्ष-निरनुकंप के नाम से और दयावान् होने से यक्षिल सानुकंप के नाम से विख्यात हुआ । निरनुकंप ने एक अंधे सर्प पर इसके रोकने पर भी बैलगाड़ी चला दी थी । इसने निरनुकंप को बहुत समझाया था । महापुराण 71. 278-280 देखें यक्षिल