जैनकोष
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समयसार - आत्मख्याति टीका - कलश 78
From जैनकोष
Revision as of 15:08, 10 December 2013 by
Vikasnd
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('<div class="SanskritChhandNaam">( उपजाति )</div> <div class="SanskritGatha"><div>एकस्य हेतुर्न त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
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( उपजाति )
एकस्य हेतुर्न तथा परस्य चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ ।
यस्तत्त्ववेदी च्युतपक्षपातस्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव ॥७८॥
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