वर्णीजी-प्रवचन:मोक्षशास्त्र - सूत्र 4-28
From जैनकोष
स्थितिरसुरनागसुपर्णद्वीपशेषाणां सागरोपमत्रिपल्योपमार्द्धहीनमिता: ।। 4-28 ।।
भवनवासी देवों की उत्कृष्ट आयु―असुरकुमार, नागकुमार, सुपर्णकुमार, द्वीपकुमार और शेष भवनवासियों की उत्कृष्ट स्थिति क्रमश: 1 सागर, 3 पल्य, ढाई पल्य, दो पल्य और 1 1/2 पल्य प्रमाण है । अब यहाँ से स्थिति बतलायी जा रही है । प्रकरण से पहले भी स्थिति बतायी गई थी । अब जिन-जिनकी स्थिति बतानी शेष रह गई थी उनको स्थिति बतला रहे हैं ।