एदे कालागासा धम्माधम्मा य पोग्गला जीवा (१०२)
लब्भंति दव्वसण्णं कालस्स दु णत्थि कायत्तं ॥१०९॥
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ