कांचनभद्र
From जैनकोष
अयोध्या-निवासी समुद्र (सेठ) तथा उसकी भार्या धारिणी का पुत्र तथा पूर्णभद्र का अनुज । श्रावकधर्म धारण करने के प्रभाव से ये दोनों भाई सौधर्म स्वर्ग में देव हुए । वहाँ से च्युत होकर ये पुन: अयोध्या में ही राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती के महापुराण और कैटभ नाम से प्रसिद्ध पुत्र हुए । पद्मपुराण 109.129-132