गंगादेवी
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
गंगाकुंड तथा गंगाकूट की स्वामिनी देवी–देखें लोक - 7।
पुराणकोष से
गंगाकूटवासिनी गंगा नदी की अधिष्ठात्री देवी । इसने भरतेश के यहाँ आने पर एक हजार स्वर्ण कलशों से उनका अभिषेक किया था तथा उन्हें पादपीठ से युक्त दो रत्न-सिंहासन भेंट किये थे । सुलोचना ने भी पंच नमस्कार के प्रभाव से इस देवी को प्रसन्न करके जयकुमार आदि को नदी के प्रवाह में डूबने से बचाया था । महापुराण 32.165-168, 37.10, 45. 144-151, हरिवंशपुराण 11.50-52