अवलंब ब्रह्मचारी
From जैनकोष
जो क्षुल्लकका रूप धर शास्त्रों का अभ्यास करते हैं और फिर गृहस्थ धर्म स्वीकार करते हैं उन्हें अवलंब ब्रह्मचारी कहते हैं । देखें ब्रह्मचारी ।
जो क्षुल्लकका रूप धर शास्त्रों का अभ्यास करते हैं और फिर गृहस्थ धर्म स्वीकार करते हैं उन्हें अवलंब ब्रह्मचारी कहते हैं । देखें ब्रह्मचारी ।