जरा
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
( नियमसार / तात्पर्यवृत्ति/6 ) तिर्यङ्मानवानां वय:कृतदेहविकार एव जरा। =तिर्यंचों और मनुष्यों का आयुकृत देहविकार जरा है।
पुराणकोष से
म्लेच्छराज की कन्या । यह वसुदेव की रानी और जरत्कुमार की जननी थी । हरिवंशपुराण 31. 6-7, 48, 63