चारित्र भूषण
From जैनकोष
इनके मुख से ही स्वामी समंतभद्र कृत देवागम स्तोत्र का पाठ सुनकर श्लोकवार्तिककार श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गये थे। आ.विद्यानंदिजी के अनुसार आपका समय ई.750-815 आता है।
इनके मुख से ही स्वामी समंतभद्र कृत देवागम स्तोत्र का पाठ सुनकर श्लोकवार्तिककार श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गये थे। आ.विद्यानंदिजी के अनुसार आपका समय ई.750-815 आता है।