कल्पाकल्प
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
श्रुतज्ञान का 10 वाँ अंगबाह्य–देखें श्रुतज्ञान - III
पुराणकोष से
अंगबाह्यश्रुत के चौदह प्रकीर्णकों में दसवाँ प्रकीर्णक । इसमें करणीय और अकरणीय दोनों प्रकार के कार्यों का निरुपण है । हरिवंशपुराण 2.101-105, 10. 136