श्रुतिगम्य
From जैनकोष
राजवार्तिक/4/42/15/258/27 अनपेक्षितवृत्तिनिमित्त: श्रुति-मात्र-प्राषित: श्रुतिगम्य:। = अनपेक्षित रूप से प्रवृत्ति में कारण व श्रुतिमात्र से बोधित श्रुतिगम्य है।
राजवार्तिक/4/42/15/258/27 अनपेक्षितवृत्तिनिमित्त: श्रुति-मात्र-प्राषित: श्रुतिगम्य:। = अनपेक्षित रूप से प्रवृत्ति में कारण व श्रुतिमात्र से बोधित श्रुतिगम्य है।