अनवद्यमति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(6 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सर्व उपधाओं से शुद्ध, | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सर्व उपधाओं से शुद्ध, मंत्रियों के लक्षणों से सहित एक मंत्री । इसने सुलोचना के कारण जयकुमार और अर्ककीर्ति के बीच उत्पन्न कलह के विनाशनार्थ विविध रूपों से अर्ककीर्ति को समझाया था । <span class="GRef"> महापुराण 44.22-54, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.71-79 </span> | ||
</div> | |||
<p class="HindiText"> देखें [[ उपधा ]]</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ अनलस्तंभिनी | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ अनवधृत अनशन | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सर्व उपधाओं से शुद्ध, मंत्रियों के लक्षणों से सहित एक मंत्री । इसने सुलोचना के कारण जयकुमार और अर्ककीर्ति के बीच उत्पन्न कलह के विनाशनार्थ विविध रूपों से अर्ककीर्ति को समझाया था । महापुराण 44.22-54, पांडवपुराण 3.71-79
देखें उपधा