अनिल: Difference between revisions
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<p> एक राक्षसवंशी नृप । राजा गतप्रभ के पश्चात् यह लंका का स्वामी हुआ था । यह माया और पराक्रम से युक्त था; विद्या, बल और महाकांति का धारी था । संसार से भयभीत हो वंश-परंपरा से आगत राजलक्ष्मी अपने पुत्र को सौंपकर अंत में दीक्षा धारण कर ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.397-401 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> एक राक्षसवंशी नृप । राजा गतप्रभ के पश्चात् यह लंका का स्वामी हुआ था । यह माया और पराक्रम से युक्त था; विद्या, बल और महाकांति का धारी था । संसार से भयभीत हो वंश-परंपरा से आगत राजलक्ष्मी अपने पुत्र को सौंपकर अंत में दीक्षा धारण कर ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.397-401 </span></p> | ||
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Revision as of 16:51, 14 November 2020
एक राक्षसवंशी नृप । राजा गतप्रभ के पश्चात् यह लंका का स्वामी हुआ था । यह माया और पराक्रम से युक्त था; विद्या, बल और महाकांति का धारी था । संसार से भयभीत हो वंश-परंपरा से आगत राजलक्ष्मी अपने पुत्र को सौंपकर अंत में दीक्षा धारण कर ली थी । पद्मपुराण 5.397-401