आकिंचन्य: Difference between revisions
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<p> धर्मध्यान संबंधी उत्तम क्षमा आदि दस भावनाओं के अंतर्गत एक भावना । कायोत्सर्ग पूर्वक शरीर से ममता त्याग कर त्रियोग द्वारा इसका अनुष्ठान किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 36.157-158, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.66, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.13 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> धर्मध्यान संबंधी उत्तम क्षमा आदि दस भावनाओं के अंतर्गत एक भावना । कायोत्सर्ग पूर्वक शरीर से ममता त्याग कर त्रियोग द्वारा इसका अनुष्ठान किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 36.157-158, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23.66, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 6.13 </span></p> | ||
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Revision as of 16:52, 14 November 2020
धर्मध्यान संबंधी उत्तम क्षमा आदि दस भावनाओं के अंतर्गत एक भावना । कायोत्सर्ग पूर्वक शरीर से ममता त्याग कर त्रियोग द्वारा इसका अनुष्ठान किया जाता है । महापुराण 36.157-158, पांडवपुराण 23.66, वीरवर्द्धमान चरित्र 6.13