आदिपुराण
From जैनकोष
ऋषभदेवके पूर्व भवोंका पूरा कथन। १. जिनसेन द्वि. (ई.८१८-८७८) कृत २९ पर्व तथा ८००० श्लोक प्रमाण संस्कृत ग्रन्थ। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या २/३४१) । २. मल्लिषेण (ई.१०४७) कृत। (देखे मल्लिषेण) । ३. सकलकीर्ति (ई.१४०६-१४४२) कृत २० सर्ग तथा ४६२८ पद्य प्रमाण संस्कृत ग्रन्थ।
(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा, पृष्ठ संख्या ३/३३३)।