औपशमिक चारित्र: Difference between revisions
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
मोहनीय कर्म के पूर्णत उपशमन से प्राप्त चारित्र । इसकी उपलब्धि से मोक्ष मिलता है । महापुराण 11.91, हरिवंशपुराण 3.145