भामंडल
From जैनकोष
प.पु./सर्ग/श्लोक सीता का भाई था (२६/१२१) पूर्व वैर से किसी देव ने जन्म लेते ही इसको चुराकर (२६/१२१) आकाश से नीचे गिरा दिया (२६/१२९)। बीच में ही किसी विद्याधर ने पकड़ लिया और इसका पोषण किया। (२६/१३२)। युवा होने पर बहन सीता पर मुग्ध हो गया। (२८/२२) परन्तु जाति-स्मरण होने पर अत्यन्त पश्चात्ताप किया (३०/३८)। अन्त में वज्रपात के गिरने से मर गया (१११/१२)।