भृगु: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वृषभदेव के समय में व्रतों से च्युत हुए साधुओं के प्रशिष्यों में वल्कलधारी एक तापस । कपिल, अत्रि, आदि साधु इसी के समय में हुए । <span class="GRef"> महापुराण 4.124-127 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वृषभदेव के समय में व्रतों से च्युत हुए साधुओं के प्रशिष्यों में वल्कलधारी एक तापस । कपिल, अत्रि, आदि साधु इसी के समय में हुए । <span class="GRef"> महापुराण 4.124-127 </span></p> | ||
<p id="2">(2) | <p id="2">(2) पहाड़ की एक चट्टान का नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1.128 </span></p> | ||
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Revision as of 22:26, 3 November 2022
(1) वृषभदेव के समय में व्रतों से च्युत हुए साधुओं के प्रशिष्यों में वल्कलधारी एक तापस । कपिल, अत्रि, आदि साधु इसी के समय में हुए । महापुराण 4.124-127
(2) पहाड़ की एक चट्टान का नाम । हरिवंशपुराण 1.128