रत्नकरंड श्रावकाचार: Difference between revisions
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<li> पं. सदासुख (ई. 1795-1866) कृत भाषा टीका, जो अत्यंत विस्तृत व प्रामाणिक है । </li> | |||
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Latest revision as of 19:03, 13 October 2022
आ. समंतभद्र (ई. श. 2) द्वारा रचित संस्कृत छंदबद्ध इस ग्रंथ में 7 परिच्छेद तथा 150 श्लोक हैं । श्रावकाचार विषयक यह प्रथम ग्रंथ है । (ती./2/191)। इस पर निम्न टीकाएँ उपलब्ध हैं -
- आ. प्रभाचंद्र 7 (ई. 1185-1243) कृत संस्कृतटीका;
- पं. सदासुख (ई. 1795-1866) कृत भाषा टीका, जो अत्यंत विस्तृत व प्रामाणिक है ।